बोली संसार PARTS OF SPEECH रोड़ रेयाः
गादेल |
यथा-संज्ञा, सर्वनाम, वचन, लिंग, क्रिया पुरुष, विशेषण, काल आदि ।
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जाहाँ लेका :- घिरी, दारे, गाडा, मुडू, राँची, फाद, राम एमान को।
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम
को संज्ञा कहते हैं। जैसे-घिरी(पत्थर); होड़ (मनुष्य) आदि ।
ञुनुम रेयाक
हाटिज
(संज्ञाओं का वर्गीकरण) - संज्ञाओं का
वर्गीकरण अनेक दृष्टियों से किया जा सकता है।
(1) अन्तः ध्वनि - अन्तःध्वनि के
दृष्टि से संज्ञा दो प्रकार के हैं। (i) स्वरान्त (i) व्यंजनान्त ।
(i) स्वरान्त काडा, बिंदी, मिरु आदि ।
(ii) व्यंजनान्त– साँक, डुलुडुङ, लेंडेत् आदि ।
(2)
जीवन- जीवन के दृष्टि
से संज्ञा दो प्रकार के होते हैं।
(i) संजीव - चेंड़े, किसनी, ढेङका आदि ।
(ii) निर्जीव - सासाङ, जोंडरा, दारे आदि ।
(3)
गणना- गणना के आधार पर संज्ञा दो प्रकार के हैं।
(i) गणनीय – जिसकी गिनती हो सकती है। जैसे- दारे, नाहेल आदि ।
(ii) अगणनीय - जिसकी गिनती नहीं हो सकती है। जैसे- तोवा, दाः आदि ।
(4)
शब्द
स्रोत - शब्द स्रोतों के आधार पर संज्ञा दो प्रकार के हैं।
(i) देशज - हिन्दी, बंगला अन्य भारतीय भाषा के शब्द । जैसे-धोती आदि ।
(ii) विदेशज – विदेशी भाषाओं से लिए गए शब्द । जैसे-चश्मा, अंगुर आदि ।
(5)
अर्थ - शब्द के अर्थ के
आधार पर संज्ञाएँ छः भेद है।
(1) जातिवाचक
संज्ञा Common
Noun जात ञुनुम :- मित् जात रेयाक् ञुनुम तेत् दो जात ञुनुम को
मेताक् काना।जहाँ लेका :- चेड़े, गाय, जो, बाहा, दारे, बाहा, पेड़ा, पोतोब, गाडा, बुरू
एमान को।
जातिवाचक
संज्ञा - किसी वस्तु या प्राणी की सम्पूर्ण जाति
का बोध होता है, उसे जातिवाचक
संज्ञा कहते हैं।
जैसे- चेंड़े, बाहा, जो, लुगड़ी, दारे आदि ।
(2) ञुनुम
ञुनुम Proper
Noun (व्यक्ति वाचक संज्ञा) :- जहाँ
ते होड़, जिनिस, जायगा
रेयाक् ञुतुम
फोटेलोक्-आ ओना दो ञुनुम ञुनुम को मेताक्-आ। जाहाँ लेका सोबोरनाखा, सागेन, आजोदिया, दुमका एमान को।
व्यक्तिवाचक
संज्ञा - (ञुनुम जुनुम) जिस शब्द
से किसी खास व्यक्ति, वस्तु या स्थान
का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक
संज्ञा कहते हैं। जैसे- दोलमा, सोबोरनाखा, लिटा आदि ।m
(3) सेलेत्
ञुनुम Collective Noun
(समूहवाचक संज्ञा) :-
जाहाँ ञुनुम
ते होड़, जिनिस
एमान गोट आर सेलेत् कोरेनाक् काव्याय फोटेला ओना दो
सेलेत् ञुनुम को मेताक्-आ। जहाँ लेका :- फाद, चानोच्, पाता, एमोन को।
समूहवाचक
संज्ञा Collective
Noun -
(गादेल ञुनुम) जिस
शब्द से का बोध होता है, उसे समूहवाचक
संज्ञा कहते हैं। जैसे-पाता, फाद,
भिड़आदि ।
( 4 ) जिनिस
ञुनुम Material
Noun (द्रव्यवाचक संज्ञा) :- ओनकान
जिनिस जाहाँ रेयाक तुला-पायला गानोक्-आ ओना दो जिनिस ञुनुम को
मेताक्-आ।
जाहाँ लेका: सोना, रूपा, तोवा, गोतोम, पीतोल, सुनुम, दाक् एमान को।
द्रव्यवाचक
संज्ञा– (जिनिस ञुनुम) जो
शब्द किसी वस्तु या द्रव्य का बोध
कराते हैं, उसे द्रव्यवाचक
संज्ञा कहते हैं। जैसे- दाः, पितोल, रूपा आदि ।
( 5 ) गुन
आर कानवा ञुनुम (भाववाचक संज्ञा) :- जाहाँ
ते होड़ाक् आर बाड. जिनिस रेयाक् गुन को बाडायोक्-आ ओना गे गुन
आर कानवा ञुनुम को मेताक् काना।जाहाँ लेका -
हेवेर, हेडे.म,
हेलवेत्, दाड़ेयान, एमान को।
भाववाचक
संज्ञा Abstract
Noun – (गुनान ञुनुम) जो
शब्द किसी वस्तु या व्यक्ति के
धर्म या गुण का बोध कराते हैं, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- हेवेर, हाड़ाम, दाड़ेयान आदि ।
(6) क्रियार्थक संज्ञा Verbable Noun - जिस शब्द से
क्रिया या काम का बोध हो,
उसे क्रियार्थक
संज्ञा कहते हैं। जैसे-जोम,
ञू, दाड़ान, आदि ।
विशेषताए
:
(i) संताली भाषा योगात्मक भाषा हैं। योगात्मक भाषाओं में पद
बनाने के लिए शब्दों में सम्बन्धतत्व के जोड़ने की आवश्यकता हैं।
(ii) संताली में प्राणीवाचक संज्ञाएँ प्रायः अपनी प्राकृतिक लिंग
के समान पुलिंग एवं स्त्रीलिंग मिलते हैं। यथा-भुला-भुली, डांगरा-डांगरी ।
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